दैनिक जनवार्ता
शिमला। हिमाचल प्रदेश में निराश्रित पशुओं की दुर्दशा पर उच्च न्यायलय ने कड़ा संज्ञान लिया है। इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि निराश्रित पशुओं के लिए 50 करोड़ रूपये के बजट का प्रावधान होने के बाद भी पशुओं की दयनीय दशा है। सुनवाई के दौरान जनहित याचिका की पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि जिला कांगड़ा की लुथान गौ सेंचुरी में पशुओं को ठूंस ठूंस कर भरा गया है। मृत पशुओं के कंकाल भी खुले में फेंके गए हैं। अधिवक्ता ने बताया कि उक्त गौ सदन के लिए करोड़ों रूपये का बजट दिया गया है, इस बजट का कहाँ इस्तेमाल किया गया है इसका कोई लेखा जोखा नहीं रखा गया है। इस मामले में करोड़ों रूपये का घोटाला होने की संभावना भी जताई जा रही है।
HP News : प्रदेश उच्च न्यायलय ने निराश्रित पशुओं की दुर्दशा पर लिया कड़ा संज्ञान
