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शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार के द्वारा शौचालय की संख्या के आधार पर शुल्क लगाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। सरकार के इस आदेश का सोशल मीडिया पर जमकर मजाक उड़ाये जाने के बाद अब सरकार ने इस आदेश को वापस ले लिया है। जानकारी के मुताबिक हिमाचल प्रदेश सरकार पर 96000 करोड़ रुपए का कर्ज है। आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही कांग्रेस सरकार को संसाधन जुटाने के लिए जारी किया गया उक्त आदेश ही शर्मिंदगी का कारण बन गया। इस आदेश को लेकर जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार चंद शर्मा ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अधिसूचना जारी होने के बाद हम फाइल लेकर डिप्टी सीएम से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हर टॉयलेट सीट पर शुल्क लगाना उचित नहीं है। लिहाजा, अधिसूचना को रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी भाजपा के आरोपों का खण्डन करते हुए कहा है कि राज्य में शौचालय शुल्क नहीं, केवल 100 रुपए पानी का बिल ही आ रहा है। ये भी वैकल्पिक है।
Himachal News : शौचालय शुल्क को लेकर उपजे विवाद में नया मोड़, सरकार ने वापस लिया फैसला
