🔴📰DJN Sirmaur News
नाहन (सिरमौर) – जिला सिरमौर में प्रवासी मजदूरों को काम देने से पहले उनका सत्यापन करना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त सुमित खिम्टा ने धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के अन्तर्गत ये आदेश जारी किए हैं। आदेशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सिरमौर जिला में कोई भी नियोक्ता, ठेकेदार, व्यापारी किसी भी प्रवासी मजदूर को छोटे अनौपचारिक काम, सेवा, अनुबंध या श्रम में तब तक नहीं लगाएगा जब तक कि ऐसे प्रवासी मजदूर की पहचान और सत्यापन न हो जाए। इसके लिए संबंधित कार्य क्षेत्र अधिकारी को उसकी पासपोर्ट आकार की फोटो के साथ पूरा विवरण प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने यह भी आदेश जारी किए हैं कि कोई भी प्रवासी मजदूर जो सिरमौर जिला में किसी भी प्रकार के स्वरोजगार, अनौपचारिक व्यापार या सेवा की तलाश में आता है, तो उसे उस क्षेत्र के थाना प्रभारी को अपने इस आशय की सूचना देनी होगी।
इस आदेश का उल्लंघन करने पर ऐसे प्रवासी मजदूर और उनके नियोक्ता भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होंगे।
उन्होंने बताया कि बहुत से लोग कमाई, व्यापार सेवाओं के सिलसिले में सिरमौर जिले में आते हैं जो कि रेहड़ी, ठेका मजदूरी की सेवाएं, शॉल विक्रेता, फेरी वाले, मोची आदि का व्यवसाय चलाते हैं। इन व्यवसायों में लगे लोग अपना सत्यापन नहीं करवाते जिसके परिणामस्वरूप अपराध की रोकथाम पर अकुंश लगाने में कठिनाई होती है। प्रवासी व्यक्ति की पहचान व जानकारी न होने की स्थिति में सार्वजनिक शांति में खलल पड़ने, मानव जीवन और सुरक्षा को खतरा पैदा होने तथा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। नौकरी चाहने वालों की आड़ में असामाजिक तत्व नागरिकों के लिए कोई खतरा पैदा न कर सके इसकी रोकथाम के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने बताया कि यह आदेश 03 अक्तूबर 2024 से 02 दिसम्बर 2024 तक प्रभावी रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन कानून के अनुसार दण्डनीय होगा।
Sirmaur : जिला सिरमौर में प्रवासी लोगों की पहचान और सत्यापन कराना हुआ अनिवार्य, जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त ने जारी किए आदेश
