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Himachal News : उद्योगों को टारगेट करना बंद करे सरकार, उद्योग प्रदेश की आर्थिकी में सहयोग करते हैं रोजगार देते हैं : जयराम ठाकुर

🔴DJN/शिमला। पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार द्वारा उद्योगों को परेशान करने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस सरकार प्रदेश के उद्योग जगत को निशाना बना रही है। उद्योगपतियों को डरा-धमका रही है। अपनी नीतियों से उन्हें परेशान कर रही है। सरकार असंवैधानिक निर्णय कर रही है, जिन्हें उच्च न्यायालय खारिज भी कर रहा है। कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और खुद मुख्यमंत्री को भी इस बारे में स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी मंशा क्या है। उन्होंने कहा कि आज सरकार ने उद्योगों को इस स्थिति में ला दिया है कि वह शट डाउन करके अपना विरोध दर्ज करवाने की योजना बना रहे हैं। यदि शट डाउन हो जाता है प्रदेश की आर्थिकी को बहुत बड़ा नुकसान होगा, इसकी जिमेदारी कौन लेगा। शट डाउन होने से दिहाड़ीदार मजदूरों को को नुकसान होगा, उसका जिम्मेदार कौन होगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की आर्थिकी में सहयोग देने वाले और रोजगार देने वाले उद्योग धंधे सरकार का पहला निशाना बने हैं। सबसे पहले सरकार समर्थित माफियाओं ने उद्योगों को डराना धमकाना शुरू किया। जिसके कारण कई उद्योगों ने बाहरी राज्यों का रुख कर लिया। बड़े उद्योग जो अचानक से पलायन नहीं कर सकते, उन्होंने उद्योग मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तदोपरांत उद्योग मंत्री ने मुख्यमंत्री को इसकी लिखित में शिकायत की। सुरक्षा न दिए जाने पर उद्योगों ने पलायन करने का अल्टीमेटम भी दिया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योगों पर सरकारी नीतियों का दबाव डाला जा रहा है। सरकार ने बिजली के दाम बढ़ा दिए। वाटर सेस को असंवैधानिक तरीके से बढ़ा दिया गया। जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने सेस बढ़ाने को असंवैधानिक बता दिया तो उद्योगों को बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छीन ली गई। पानी के दाम बढ़ा दिए गए। जिससे हालत और खराब हो गए। सरकार बेवजह उद्योगों को परेशान करके प्रदेश की आर्थिकी को कमजोर कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए को प्रोत्साहन सरकार द्वारा दिया जाता है, उससे कहीं अधिक राजस्व उद्योगाें से सरकार को प्राप्त होता है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में बढौतरी होती है। प्रदेश की आर्थिकी को नुकसान पहुँचाने के पैंतरे से सरकार को बाज आना चाहिए और उद्योगों को अनावश्यक परेशान करना बंद किया जाना चाहिए।