कालाअंब (सिरमौर)। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में दसवीं/बारहवीं पास झोलाछाप डॉक्टरों की पौ बारह हो रही है। एक ओर जहां लोगों से इलाज के नाम पर मोटी कमाई की जा रही है, वहीं गलत दवाएं देकर ये झोलाछाप डॉक्टर लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। हैरत की बात है कि संबंधित विभाग भी ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल, औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में इन दिनों जल जनित रोगों का प्रकोप बना हुआ है। बहरहाल, उल्टी और डायरिया से पीड़ित लोग सस्ते इलाज के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डालकर ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंस रहे हैं। ये झोलाछाप रोगी को गलत दवाएं देकर खूब पैसा कूट रहे हैं। परिणामस्वरूप, गलत दवाओं के सेवन से कई लोग गंभीर निर्जलीकरण (सेवर डिहाइड्रेशन) का शिकार हो रहे हैं और ज्यादा हालत बिगड़ने पर ही अस्पताल पहुंच रहे हैं। कालाअंब के एक निजी अस्पताल के चिकित्सक डॉ. अजय गोयल, डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि उनके पास रोजाना ऐसे गंभीर मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं जिन्हें झोलाछाप डॉक्टर गलत दवाएं देकर उपचार कर रहे थे। डायरिया और उल्टी के रोगी को मल्टीविटामिन और लिवर सिरप दिए जा रहे हैं। सही उपचार के अभाव में रोगी के शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) हो रही है। लिहाजा, उन्होंने विभाग से मांग की है कि ऐसे झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसा जाए। साथ ही क्षेत्र में चल रहे सभी क्लीनिकों के साइनबोर्ड पर क्लिनिक संचालक का नाम, योग्यता और फोटो होना अनिवार्य किया जाए ताकि लोगों को इनकी असलियत का पता चल सके। राज्य ड्रग कंट्रोलर विभाग के सहायक ड्रग कंट्रोलर सन्नी कौशल ने बताया कि उन्हें इस बारे में शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे लोगों पर कार्रवाई के दिशा निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि फर्जी चिकित्सकों के चंगुल में न फंसे। बीमार होने की स्थिति में योग्य चिकित्सक से ही इलाज कराएं।
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2024-09-14
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