नाहन (सिरमौर)। जिला सिरमौर के स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों के चलते बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। जिस कारण अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है। पिछले दिनों धारटीधार इलाके की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाड़थल मधाना में खाली पदों को लेकर कांग्रेस पार्टी के बूथ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद छोड़ने के अल्टीमेटम की खबर आई थी। इस बीच अब श्रीरेणुकाजी कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक सुरेश शर्मा ने भी शिक्षकों के पद न भरे जाने की सूरत में अपना पद छोड़ने का ऐलान किया है। जानकारी के मुताबिक सैनधार इलाके की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला नहर स्वार में जमा एक और दो कक्षाओं को पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है। बताया जा रहा है कि इस पाठशाला के स्तरोन्नत करने के बाद महज हिंदी की एक प्रवक्ता को तैनात किया गया था, जिसका हफ्तेभर पहले कहीं ट्रांसफर कर दिया गया। अब बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भी शिक्षक इस स्कूल में तैनात नहीं है। गौर करने वाली बात ये है कि बाड़थल मधाना स्कूल के साथ-साथ ये पाठशाला भी श्रीरेणुकाजी विधानसभा क्षेत्र में है। सुरेश शर्मा नहर स्वार स्कूल में एसएमसी के अध्यक्ष भी हैं। कुछ दिन पहले ही अभिभावकों ने उन्हें अध्यक्ष पद की कमान सर्वसम्मति से सौंपी थी, लेकिन स्कूल में बच्चों का भविष्य चौपट होते देख अब सुरेश शर्मा ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऐलान किया है कि यदि स्कूल में जल्द से जल्द शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो वह अपना पद छोड़ देंगे। इसे लेकर उनकी अध्यक्षता में बीते दिन स्कूल प्रबंधन समिति की बैठक हुई, जिसमें अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में कहा गया कि सबसे बड़ी समस्या ये है कि सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रधानाचार्य के साथ-साथ स्कूल में प्रवक्ताओं के सारे पद खाली हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल प्रबंधन समिति ने कई बार अपनी समस्या को सरकार के समक्ष रखा, लेकिन सरकार व विभाग ने शिक्षकों के पद भरने की कोई कोशिश नहीं की। उन्होंने कहा कि यह स्कूल सितंबर 2022 में अपग्रेड हुआ था। स्कूल में आज 98 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिसमें कक्षा 6 से 10 तक 78 और जमा एक व दो में 20 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिनके भविष्य पर ग्रहण लगा हुआ है। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं श्रीरेणुकाजी कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक सुरेश शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यहां एक माह के भीतर शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई तो वे अपने पद से इस्तीफा देने से गुरेज नहीं करेंगे। कार्यवाहक शिक्षा उपनिदेशक उच्च अजीत ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। शिक्षकों के खाली पदों को लेकर यदि एसएमसी से प्रस्ताव मिलता है तो उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।
Sirmaur : स्कूलों में अध्यापकों की कमी को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी ही सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
