नाहन (सिरमौर)। सिरमौर जिला के नौहराधार में स्थित को-ऑपरेटिव बैंक में हुई चार करोड़ की धोखाधड़ी के मामले की जांच प्रबंधन ने सीबीआई से करवाने का फैसला लिया है। बैंक प्रबंधन ने मामले की विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी को पूरी जानकारी दे दी है। इसके साथ साथ प्रबंधन ने नौहराधार शाखा में कार्यरत 7 कर्मचारी निलंबित कर दिए हैं। दस कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी है। शाखा का अन्य स्टाफ भी बदल दिया गया है। सभी बैंक कर्मियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए गए हैं।
प्रारंभिक विभागीय जांच में बैंक प्रबंधन को पता चला कि नौहराधार शाखा के सहायक प्रबंधक ने फर्जी ऋण खाते खोलकर गबन किया है। बैंक प्रबंधन ने चार करोड़ से अधिक राशि के घोटाले की आशंका जताई है। बैंक में असल तौर पर कितने करोड़ रूपये का गबन हुआ है, इसकी विभागीय जांच जारी है।
राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं बैंक के लिए बेहद ही चिंतनीय और अस्वीकार्य हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच में अभी तक लगभग 4.02 करोड़ रुपये गबन राशि का पता चला है। फिलहाल विस्तृत विभागीय जांच जारी है।
जांच पड़ताल के बाद ही पता चल पाएगा कि संबंधित कर्मचारी ने कितनी राशि की हेराफेरी की है। उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए और नाबार्ड द्वारा तय मानदंडों के अनुरूप इसकी जांच सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया है।
बैंक अध्यक्ष ने सभी ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी बैंक में जमा की गई पूंजी पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। बैंक अपने ग्राहकों के प्रति पूरी निष्ठा रखता है और समर्पित भाव से उन्हें सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।
बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने कहा कि बैंक कर्मचारी संस्था की रीढ़ हैं। उनके द्वारा इस प्रकार की धोखाधड़ी को अंजाम देना बैंक व ग्राहक समुदाय के साथ जघन्य विश्वासघात है। इस प्रकार के कृत्यों को अंजाम देना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा। भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी या जालसाजी की पुनरावृति न हो, उसके लिए जो भी आवश्यक कदम या प्रावधान करने की जरूरत होगी, बैंक सख्त से सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।
Sirmaur : नौहराधार को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में 7 कर्मचारी निलंबित, सीबीआई जांच का निर्णय
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