हरिपुर धार। जिला सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र रनवा गांव के प्राइमरी स्कूल को बंद करने की आशंकाओं के बीच ग्रामीणों ने एक आपात बैठक कर सरकार और संबंधित विभाग को जमकर कोसा। ग्रामीणों ने बताया कि ये पाठशाला 1966 में खुली है। दशकों पुरानी इस पाठशाला को बंद किया गया तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में साफ लिखा गया है कि दो किलोमीटर से कम दूरी के प्राइमरी स्कूलों को ही बंद किया जाएगा। ग्रामीण गोपाल भंडारी, विनोद, जगदीश कुमार, यशपाल, तपेंद्र, चंद्र प्रकाश, समीर, दीपक, कपिल व नितेश आदि ग्रामीणों ने कहा कि यदि रनवा स्कूल को बंद किया गया तो यह प्राइमरी स्कूल डसाकना में मर्ज हो जाएगी। रनवा से डसाकना की दूरी साढ़े तीन किमी है। रास्ता अत्यंत दुर्गम है, जिसे दो खड्ड पार करना सबसे बड़ी चुनौती है।
ग्रामीणों से साफ कहा, दुर्गम रास्ते होने व दूरी अधिक होने के कारण वह अपने नौनिहालों को डसाकना भेजने का रिस्क नहीं ले सकते। रास्ते में बड़े ढांक हैं और पत्थर गिरने का भी खतरा रहता है। लिहाजा, ग्रामीणों ने शिक्षा उपनिदेशक को पत्र लिखकर मांग की कि रनवा स्कूल को बंद न किया जाए। वह अपने बच्चे डसाकना नहीं भेजेंगे। स्कूल बंद किया तो लोग अदालत में जाएंगे।एसएमसी ने भी उपनिदेशक को पत्र लिख पाठशाला को बंद न करने की मांग की है। वहीं, पंचायत की ओर से भी एक प्रस्ताव भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग से उन्होंने दूरी का प्रमाण पत्र लिया है। विभाग ने सड़क मार्ग से रनवा कैंची मोड़ से डसाकना तक की दूरी करीब तीन किमी दर्शाई है। गांव से कैंची मोड़ तक आधा किमी पैदल चलकर जाना पड़ता है।
सिरमौर : स्कूल बंद किया तो जायेंगे कोर्ट, ग्रामीणों की दो टूक अपने बच्चों को नहीं भेजेंगे तीन किलोमीटर दूर के स्कूल में
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