दैनिक जनवार्ता
नाहन (सिरमौर)। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर के अध्यक्ष सुमित खिमटा ने बताया कि दक्षिण पश्चिम-मानसून प्रदेश में पूर्ण रुप से सक्रिय है। सिरमौर जिला विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए अति संवेदनशील की श्रेणी में आता है। बरसात के दौरान जिला में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन व बाढ़ जैसी घटनाएं घटित होती हैं और मानसून के दौरान जिला सिरमौर में गिरी, यमुना, मारकंडा, जलाल, बाता, टोन्स आदि नदियों में लोगों के डूबने की अप्रिय घटनाएं भी होती हैं।
ऐसे में लोग नदियों, खड्डों, नालों और घाटों के समीप जाने और इनमें तैरने, नहाने, धोने समेत फोटो खींचने व अन्य गतिविधियों से परहेज करें। ताकि बरसात के दौरान होने वाले किसी संभावित खतरे से बचा जा सके। उन्होंने बताया कि चेतावनी जारी होने के बावजूद भी कुछ लोग बेवजह नदी-नालों और खड्डों के समीप चले जाते हैं, जिससे वह स्वयं की जान जोखिम में डाल देते हैं।
उपायुक्त ने सिरमौर वासियों से आग्रह किया कि इस बरसात के मौसम में नदी- नालों एवं भूस्खलन वाले इलाकों में अनावश्यक यात्रा करने से बचें और अत्याधिक आवश्यकता व आपातकाल में मौसम विभाग एवं जिला प्रशासन द्वारा जारी परामर्श के बाद ही यात्रा करें।
उन्होंने कहा कि खराब मौसम की पूर्व जानकारी लेने हेतु राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्मित सचेत ऐप और बिजली गिरने की जानकारी लेने के लिए दामिनी ऐप अपने एंड्राइड मोबाइल फोन में अवश्य डाउनलोड करें। किसी भी आपातकालीन स्थिति में उपायुक्त कार्यालय स्थित आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के निशुल्क दूरभाष नंबर 1077, 112 पर तुरंत सूचना दें।
