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संपादकीय : आरोप प्रत्यारोप तक सिमटा चुनाव प्रचार, नहीं दिखे जनता के असली मुद्दे

दैनिक जनवार्ता
संपादकीय
लोकसभा चुनाव 2024 : लोकसभा चुनाव में आगामी एक जून को अंतिम चरण का मतदान होगा। इधर, अंतिम चुनाव प्रचार में नेता अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं लेकिन मुद्दा विहीन तथ्यों को लेकर ही जोर आजमाइश की जा रही है। सत्ता पक्ष हो या विपक्षी नेता चुनाव प्रचार रैलियों में बस एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप में ही ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। आम जनता इनकी रैलियों में इसलिए पहुंचती है ताकि वो सुन सकें कि ये नेता जनता की कसौटी पर कितना खरा उतरने वाले हैं। क्या सौगात ये जनता को सरकार बनाने के बाद देने वाले हैं। लेकिन अफसोस कि ऐसा जनता को कुछ सुनने देखने को किसी भी पार्टी की रैली में नहीं मिलता। हां, आरोप प्रत्यारोप की इबारतें बढ़ चढ़ कर गढ़ दी जाती हैं।

जब ये नेता मंच से अपने भाषण में एक दूसरे को कोसते हुए आरोप प्रत्यारोप लगाते हैं तो आम जनता जो कई प्रकार की समस्याओं से जूझ रही है, वो सोचती है कि लगता है हमारा कोई अस्तित्व नहीं है। हम मात्र वोट डालने तक ही माई बाप हैं, इसके अलावा हमें अपने बलबूते पर ही अपने लिए संघर्ष करना है।

पहले एक नेता चुनावी रैली करता है विपक्षी नेताओं की जमकर आलोचना करता है और फिर दूसरे नेता उसी स्थान पर आते हैं वो पहले नेता की जमकर आलोचना करते हैं। जन मुद्दों बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार, अपराध, शिक्षा, चिकित्सा, सड़क, बिजली, पानी की समस्या पर कोई नेता कुछ नहीं कहता या कहता भी है तो बस गैस सिलिंडर या पेट्रोल डीजल का बखान करता है। इनके अलावा भी जनता के बहुत से मुद्दे हैं। जिन पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाता।