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Sirmaur : नाहन में गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के आगमन दिवस पर शब्द कीर्तन का आयोजन, संगत हुई निहाल

दैनिक जनवार्ता
नाहन (सिरमौर)। जिला मुख्यालय नाहन के ऐतिहासिक गुरुद्वारा दशमेश अस्थान साहिब में सिक्खों के 10वें गुरू गोबिंद सिंह महाराज का आगमन दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। इस पावन मौके पर पंजाब और पांवटा साहिब से आए रागी जत्थों ने शौर्य और बलिदान के वीररस से भरे शबद कीर्तन से सैकड़ों की संख्या में उपस्थित संगत को निहाल किया। इस विशाल कीर्तन समागम के बाद अटूट लंगर भी आयोजित हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। वहीं दशमेश गुरूद्वारा अस्थान प्रबंधन कमेटी ने विधायक और उनके साथ पहुंचे विशिष्ट मेहमानों को सरोपा भेंट कर गुरू मर्यादा से रूबरू कराया। प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष अमृत शाह ने जोड़ मेले को जिलास्तरीय दर्जा देने की मांग प्रमुखता से रखी। इस पर विधायक अजय सोलंकी ने उनकी इस मांग को आचार संहिता के बाद सरकार के समक्ष प्राथमिकता से रखने का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा कि श्री गुरू गोविंद सिंह जी महाराज त्याग और बलिदान की वो मूरत हैं, जिनके आदर्श आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं। सोलंकी ने इस दौरान प्रदेशवासियों को गुरू गोविंद सिंह जी के नाहन आगमन दिवस की बधाई दी।

बता दें कि आज ही के दिन 339 साल पहले गुरु गोबिंद सिंह महाराज आनंदपुर साहिब से चलकर नाहन पहुंचे थे, जिसे नाहन गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एवं समूह सिख जत्थेबंदियां आगमन जोड़ मेले के रूप में मनाती हैं। यहां गुरूद्वारा से सामने ऐतिहासिक चौगान मैदान में 10 दिवसीय मेले का आयोजन किया जा रहा है, जो 5 मई तक चलेगा।
सिक्खों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज 30 अप्रैल 1685 को सिरमौर रियासत में नाहन आए थे और लगभग 8 महीने तक वह नाहन में ही रहे और बाद में उन्होंने पांवटा साहिब नगरी की नींव रखी थी। दशम गुरू सिरमौर के राजा मेदनी प्रकाश के निमंत्रण पर यहां पहुंचे थे। इसके बाद दशम गुरू ने गढ़वाल के राजा फतेह शाह और सिरमौर के राजा मेदनी प्रकाश के बीच शांति संधि करवाई थी।

देर शाम शहर में विशाल नगर कीर्तन निकाला गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में संगतों ने भाग लिया। इसकी अगुवाई पंज प्यारों ने की। इस दौरान सिक्ख नौजवानों की टोलियों ने हैरंतगेज करतब दिखाकर लोगों को दांतों तले ऊंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।