दैनिक जनवार्ता
नाहन (सिरमौर)। जिला सिरमौर के कोलर में आरा मशीन पर खैर की लकड़ी की बरामदगी मामले की जांच पूरी हो गई है। मौके पर वन विभाग ने इसकी गिनती का काम पूरा कर लिया है, जहां 70 क्यूबिक मीटर लकड़ी पाई गई, जो दक्षिण भारत के राज्यों से यहां पहुंचाई गई।
जांच के दौरान इस लकड़ी के जो बिल विभाग को मिले, उसमें खैर की खरीद बाहरी राज्यों से पाई गई है, लेकिन इसे बेचने की मंजूरी प्रदेश सरकार यानी वन विभाग से नहीं ली गई थी। लिहाजा, वन विभाग की जांच टीम ने इस लकड़ी की पैमाईश पूरी करने के बाद इसे सीज कर दिया है। इसके साथ ही बुधवार को विभागीय टीम ने ग्राम पंचायत प्रधान की मौजूदगी में आरा मशीन को भी सील कर दिया।
अब वीरवार से यहां बरामद साल और कोकाट की छानबीन की जाएगी। इसकी भी विभाग की जांच टीम पैमाइश करेगी और ये पता लगाएगी कि ये लकड़ी यहां पर कहां से पहुंची। ये वैध है या फिर अवैध। सबसे अहम बात ये है कि इस आरा मशीन को चलाने की मंजूरी विभाग ने नहीं दी गई। बावजूद इसके यहां पर अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक ये आरा मशीन जिस व्यक्ति के नाम चल रही थी, उसका तीन माह पहले निधन हो चुका है और अभी तक उसके परिवार के किसी सदस्य के नाम लाइसेंस ट्रांसफर नहीं हुआ है। ऐसे में यहां पर इस तरह की गतिविधियां पूर्ण रूप से अवैध हैं।
विदित रहे कि बीते दिनों वन विभाग की फ्लाइंग स्क्वायड शिमला की टीम ने इस आरा मशीन पर दबिश देकर जांच के निर्देश दिए थे। वन विभाग की कोलर रेंज के आरओ महेंद्र सिंह ने बताया कि आरा मशीन को पंचायत प्रधान की मौजूदगी में सील कर दिया है, जबकि खैर की लकड़ी को सीज कर दिया है। ये लकड़ी बाहरी राज्यों से खरीदी गई थी। इसे बेचने की मंजूरी संचालक के पास नहीं है। मामले की छानबीन की जा रही है।