दैनिक जनवार्ता ब्यूरो
नाहन (सिरमौर)। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की ओर से मंगलवार को जवाहर नवोदय विद्यालय नाहन में आपदा प्रबंधन, खोज एवं बचाव, अग्निशमन सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल आपदा प्रबंधन योजना के निर्माण को लेकर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रथम सत्र में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण जिलाधीश कार्यालय नाहन से राजन कुमार शर्मा, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ-सह जिला प्रशिक्षण समन्वयक ने स्कूल सुरक्षा नीति 2016, प्राथमिक आपदा प्रबंधन, आपदा प्रबंधन चक्र और विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदाओं के बारे में बच्चों के साथ जानकारी व अनुभव साझा किए। इसके साथ ही उन्होंने भूस्खलन, जंगल की आग और भूकंप आदि स्थानीय आपदाओं के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी और कहा कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक एवं मानव निर्मित आपदा घटित होने पर निम्नलिखित आपातकालीन दूरभाष नंबरों 1077, 1100, 100, 102, 108, 112, 1098, 1070 पर तुरंत सूचित करें।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में आदेशक चतुर्थ वाहिनी गृहरक्षक बल नाहन से प्रशिक्षित गृह रक्षक बलिंदर सिंह व राकेश कुमार के नेतृत्व में उनकी टीम की ओर से बच्चों को विस्तृत रूप से विभिन्न प्रकार की आपदा संबंधी तकनीक, प्राथमिक उपचार, खोज एवं बचाव और घायलों को सुरक्षित तरीके से उठाने संबंधी विशेष तकनीकी ज्ञान को विस्तृत रूप से बच्चों के साथ साझा किया।
अंतिम सत्र में आदर्श अग्निशमन केंद्र नाहन से फायरमैन रामदयाल शर्मा के नेतृत्व में टीम ने बच्चों को विभिन्न प्रकार की आग, लगने के कारण और उनसे होने वाले जान एवं माल के नुकसान के बारे में भी विस्तृत व्याख्यान दिया गया। इसके अलावा टीम ने विभिन्न प्रकार के अग्निशामक यंत्रों जैसे A, B, C, D और घरेलू गैस सिलेंडर (एलपीजी सिलेंडर) में आग लगने संबंधी सुरक्षात्मक उपायों को भी विस्तृत रूप से साझा किया।
इस अवसर पर जेएनवी के प्रधानाचार्य सुरेंद्र कुमार तिवारी, उप-प्रधानाचार्य निधि कुमारी ने बताया कि इस कार्यक्रम में विद्यालय के विभिन्न कक्षाओं से लगभग 412 विद्यार्थियों ने इन संपूर्ण सत्रों का भरपूर लाभ उठाया। कार्यक्रम के संयोजक एवं विद्यालय के आपदा-प्रभारी (शिक्षक) मदन लाल मेहरा ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम प्रतिवर्ष विद्यालय में करवाए जाएंगे और इसके अतिरिक्त प्रत्येक 3 महीने के अंतर पर विद्यालय में भूस्खलन व अग्नि कांड पर आधारित मॉक अभ्यास भी भविष्य में करवाया जाना अनिवार्य है।
