दैनिक जनवार्ता ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के 6 बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट से सभी बागी नेताओं को राहत नहीं मिल पाई है। ऐसे में उनकी मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
साथ ही वोट देने और सदन की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति से भी इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन बागी नेताओं को अयोग्य ठहराने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर संबंधित उत्तरदाताओं को नोटिस भी जारी किया है। दोनों पक्षों को चार सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने के आदेश दिए गए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी।
गौरतलब हो कि हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के 6 विधायकों को व्हिप का उल्लंघन करने पर विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया था। इसमें धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर, बड़सर के विधायक इंद्र दत्त लखनपाल, गगरेट के विधायक चैतन्य और कुटलैहड़ के विधायक देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। व्हिप जारी होने के बावजूद ये विधायक सदन में बजट पारित होने के दौरान उपस्थित नहीं हुए थे। इन बागी नेताओं ने हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से इन्हें राहत नहीं मिल पाई है।