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नाहन (सिरमौर)। विकास खंड नाहन के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोगीनंद की छात्रा गरिमा गजब का हुनर रखती है। उक्त विद्यालय की छठी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा गरिमा ने महज 12 वर्ष की आयु में एक साधारण पेंसिल से गजब के चित्र बनाकर अपनी कला से सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। 5 वर्ष की आयु में जबकि बच्चा सही से लिख भी नहीं पाता है, गरिमा ने कागज पर लकीरें उकेरनी शुरू कर दी थी।
जिला सिरमौर के गांव मोगीनंद में जन्मी पली बढ़ी गरिमा एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता धीरज और माता पूजा मोगीनंद की औद्योगिक इकाई में काम करते हैं, जबकि बड़ा भाई भविष्य मोगीनंद विद्यालय में दसवीं कक्षा का छात्र है।
गरिमा से बातचीत के दौरान उसने बताया कि उसे बचपन से ही चित्रकारी का शौक था। रोजाना अपनी नियमित पढ़ाई के साथ साथ वो अपनी इस कला का तीन से चार घंटा अभ्यास करती है। अब तक उसने भगवान राम और राम, साईं बाबा, दुर्गा माता सहित कई अन्य कलाकृतियां पेंसिल से तैयार की हैं। उसे एक चित्र बनाने में आधे से डेढ़ घंटे का समय लगता है।
उसने बताया कि उसकी इस कला के रुझान को देखते हुए उसके परिजनों ने शिखा आर्ट इंस्टीट्यूट इंदौर से दो माह का ऑनलाइन आर्ट कोर्स भी करवाया।
हालांकि गरिमा का सपना क्रिकेट खिलाड़ी बनने का है। वह क्रिकेट के लिए भी अभ्यासरत है। इसके साथ साथ वह अपनी इस कला को भी जीवित रखना चाहती है।
मोगीनंद विद्यालय की प्रधानाचार्या शिभा खन्ना ने बताया कि गरिमा की इस बेजोड़ कला को देखकर सभी अध्यापक आश्चर्यचकित हैं। अगर ऐसे होनहार विद्यार्थियों को उचित मार्गदर्शन और मंच मिले तो ये सफल कलाकार बन सकते हैं। उन्होंने उक्त छात्रा के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
सिरमौर : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोगीनंद की छात्रा ने छोटी उम्र में किया कमाल, संसाधनों की कमी के बावजूद निखारी अपनी कला
