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सिरमौर : हाटी आरक्षण बिल लागू किए जाने से गुर्जर समुदाय में प्रदेश सरकार के प्रति भारी रोष।

प्रेसवार्ता

दैनिक जनवार्ता न्यूज
नाहन (सिरमौर)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाटी आरक्षण बिल की अधिसूचना सोमवार एक जनवरी को जारी कर दी है। इस मुद्दे को लेकर गुज्जर समुदाय ने काफी नाराजगी जताई है। गुज्जर समुदाय का कहना है कि हाटी आरक्षण बिल से अनुसूचित जाति वर्ग को बाहर निकाल दिया गया है। अब सवाल यह उठता है कि क्या गिरपार क्षेत्र को जनजाति क्षेत्र घोषित किया गया है या फिर इस बिल के तहत केवल स्वर्ण जातियों को ही आरक्षण दिया गया है, जोकि आरक्षण और संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है। बहरहाल, गुज्जर समाज इस असंवैधानिक कार्य के लिए प्रदेश की कांग्रेस और केंद्र की भाजपा सरकार का घोर विरोध करता है।
जिला सिरमौर गुज्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष राजकुमार पोसवाल, महामंत्री सोमनाथ भाटिया और हिमाचल प्रदेश गुज्जर समाज के प्रधान हेमराज राव ने बताया कि उक्त मामला न्यायालय में विचाराधीन है और बहस पूरी हो चुकी है सिर्फ फैसला आना बाकी है, तो प्रदेश सरकार को उसका इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने बताया कि न्यायालय का फैसला सभी को स्वीकार्य है। सरकार और हाटियो को भी होना चाहिए। न्यायलय के फैसले का सम्मान करना चाहिए। लेकिन ऐसा लग रहा है कि सरकार और हाटियो का न्यायलय और कानून व्यवस्था से विश्वास उठ गया है, जो इतनी जल्दबाजी में अधिसूचना लागू की गई। हमारे हकों को नजर अंदाज किया गया है। इसको लेकर न केवल प्रदेश के गुर्जर समाज में बल्कि साथ लगते राज्यों हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के गुज्जर समाज में भी रोष है और इसके विरोध में किसान आंदोलन की तर्ज पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन की तैयारी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश सहित देश में भी गुर्जर समाज कांग्रेस पार्टी का बहिष्कार आने वाले लोकसभा चुनाव में, 36 विधानसभा क्षेत्रों में सरकार के खिलाफ मतदान करेगा। प्रदेश सरकार को अधिसूचना लागू करने से पूर्व गुज्जर समाज से एक बार बात करनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा न करे सरकार ने साबित कर दिया कि सभी राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित हैं। लिहाजा, गुज्जर समाज इस अन्याय का मरते दम तक विरोध करेगा।