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Sirmaur News : गुर्जर समुदाय ने की प्रेसवार्ता, हाटी मुद्दे पर रखे तथ्य। सरकार के प्रति भी जाहिर की नाराजगी।

हाटी मुद्दे को लेकर गुर्जर समाज का पलटवार। हाटी आरक्षण को लेकर पेश किए तथ्य। सरकार के प्रति भी जताई नाराजगी।
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दैनिक जनवार्ता
नाहन (सिरमौर)। हाटी आरक्षण मुद्दे को लेकर गुर्जर समाज ने आज तथ्यों को पेश करते हुए हाटीयों की बीते कल हुई प्रेसवार्ता का स्पष्टीकरण दिया है। साथ ही सरकार के प्रति नाराजगी भी जाहिर की है। जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित गुर्जर समाज की प्रेसवार्ता में गुर्जर समाज कल्याण परिषद के अध्यक्ष राजकुमार पोसवाल ने कहा कि हाटी मुद्दे को लेकर सरकार ने बीते दो दिसंबर को बैठक बुलाई लेकिन गुर्जर समुदाय को इसमें शामिल नहीं किया गया। इसका गुर्जर समाज विरोध करता है। इस बैठक में न केवल गुर्जर समुदाय बल्कि अन्य एसटी हितधारक समुदायों नेगी, किन्नौरा, गद्दी और लाहौला को भी नजरअंदाज किया गया।

प्रेसवार्ता

प्रेसवार्ता के दौरान गुर्जर समाज के पदाधिकारी।

उन्होंने कहा कि हाटी आरक्षण को लेकर अधिसूचना गलत जारी की गई है। इसमें हाटी को गलत तरीके से आरक्षण दिया गया है। दूसरे इसकी संस्तुति के दौरान अनुसूचित जाति को बाहर रखा गया था। अब पूरा ट्रांसगिरी क्षेत्र ही जनजातीय क्षेत्र घोषित किया गया है। इसके मुताबिक अब अन्य सभी वर्ग भी जनजातीय वर्ग में शामिल हो गए हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से स्पष्टीकरण न मिलने पर हाटीयों ने हुड़दंग मचाया, जोकि सरासर दादागिरी है और गुर्जर समाज इसकी निंदा करता है। गुर्जरों के वर्तमान एसटी दर्जे के लाभ संपन्न जातियों को दिए जा रहे हैं। ये बात हाटी समुदाय के एक नेता स्वयं अपने वक्तव्य में स्वीकार चुके हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने एथेनॉलॉजी की रिपोर्ट गलत तरीके से तैयार की है। पोसवाल ने कहा कि अगर हाटी समुदाय को आरक्षण मिलता है तो इनके जैसा ही जीवनयापन करने वाले प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लोगों को भी आरक्षण मिलना चाहिए।
गुर्जर समाज भी अब बड़े पैमाने पर आंदोलन करने जा रहा है। इसके तहत दिल्ली और शिमला में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हमें न्यायालय पर भी पूरा भरोसा है क्यूंकि न्यायालय में तथ्यों के आधार पर फैसला सुनाया जाता है।
लिहाज़ा गुर्जर समुदाय केंद्र और राज्य सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में हाटी मुद्दे पर पुनः समीक्षा की मांग करता है।