दैनिक जनवार्ता
देहरादून (उत्तराखंड)। उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए अब पहाड़ के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग होगी। बहरहाल, वर्टिकल ड्रिलिंग के लिए चार स्थानों की पहचान की गई है। वहां तक पहुंचने के लिए ट्रैक बनाने का काम सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को सौंपा गया है। विदेशी विशेषज्ञों की मदद से पांच विकल्पों पर केंद्र और राज्य की छह टीमें रविवार यानी आज से काम शुरू करेंगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सिलक्यारा पहुंचेंगे। इंदौर से मंगाई तीसरी अत्याधुनिक बरमा मशीन भी मौके पर पहुंच गई है। सुरंग बनाने वाली सरकारी कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लि. ने फंसे मजदूरों की संख्या 41 बताई है। इससे पूर्व 40 मजदूर फंसे हुए बताये जा रहे थे। 41वें मजदूर की पहचान दीपक कुमार, जिला मुजफ्फरपुर (बिहार) के रूप में हुई है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल, पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे, माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर, इंजीनियरिंग विशेषज्ञ अरमांडो कैपेलन सहित कई अन्य विशेषज्ञ शनिवार को सिलक्यारा पहुंचे। बता दें कि इनमें क्रिस कूपर चार्टर्ड इंजीनियर हैं, जिनके पास सिविल इंजीनियरिंग बुनियादी ढांचे, मेट्रो सुरंगों, बड़ी गुफाओं, बांधों, रेलवे और खनन की कई वैश्विक परियोजनाओं का तजुर्बा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लि. के निदेशक अंशु मनीष खलखो ने बताया कि ऊपर से ड्रिलिंग के लिए हुए वैज्ञानिक सर्वे के अंतर्गत लगभग 103 मीटर चौड़े क्षेत्र में ड्रिलिंग की जाएगी।
Breaking News : उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में विदेशी टनलिंग विशेषज्ञों की मदद से आज होगा पांच विकल्पों पर काम शुरू।
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