दैनिक जनवार्ता
नाहन (सिरमौर)। औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब और आसपास के इलाकों में वायरल बुखार ठीक होने के बाद भी दर्जनों लोग इसके दुष्प्रभावों से पीड़ित हैं। इनमें अधिकतर बुजुर्ग, महिलाएं और युवा वर्ग के लोग शामिल हैं। लोगों का कहना है कि बुखार ठीक होने के एक माह बाद भी शरीर में भारी कमजोरी, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द बना हुआ है। क्षेत्र के कई पीड़ित अस्पतालों में जाकर शारीरिक जांच भी करा रहे हैं लेकिन जांच रिपोर्ट सामान्य आ रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक वायरल बुखार के बाद ऐसी स्थिति में मरीज को सामान्य होने में थोड़ा समय लग जाता है। इसके लिए मरीज को अपने खानपान में पौष्टिक आहार को शामिल करना होगा। साथ ही पानी ज्यादा मात्रा में पीने की भी सलाह दी जा रही है। स्थानीय लोगों में सोमनाथ, संजय कुमार, मीनाक्षी, दीपा, अशोक कुमार, दीपक और नरेश ने बताया कि उन्हें एक माह पहले हल्का बुखार आया। इसके बाद उपचार कराने पर बुखार तो ठीक हो गया लेकिन इसके दुष्प्रभाव अभी तक बरकरार हैं। जोड़ों-मांसपेशियों में दर्द के कारण चलने फिरने में भी दिक्कत हो रही है। हालांकि चिकित्सक इसे वायरल बुखार बता रहे हैं लेकिन लोगों को आशंका है कि यह चिकनगुनिया है। ग्रामीणों ने क्षेत्रवासियों से भी अपील की है कि बुखार होने की स्थिति में लापरवाही न बरतें और नीम हकीमों से इलाज न कराएं, बल्कि नाहन मेडिकल कॉलेज या किसी भी योग्य चिकित्सक से ही उपचार कराएं।
कालाअंब स्थित ईएसआईसी औषधालय के प्रभारी डॉ. अंकुर राणा ने बताया कि बुखार के बाद पीड़ितों को जो भी समस्या आ रही है उसके निदान के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें। आहार में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करें। पानी अधिक से अधिक मात्रा में पियें और बीच बीच में योग्य चिकित्सक से परामर्श लेना भी उचित रहेगा।
Sirmaur News : औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में वायरल बुखार के दुष्प्रभाव से पीड़ित दर्ज़नों रोगी। जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द की समस्या।
