दैनिक जनवार्ता ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से हि.प्र. लोक सेवा आयोग को आदेश जारी किए गए हैं कि याचिकाकर्ता बॉबी देवी, निवासी बागना, तहसील शिलाई, जिला सिरमौर को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आवेदन करने की अनुमति दी जाए। इस फैसले के बाद फैसले की प्रतिलिपि सोशल मीडिया में वायरल हो गई। भाजपा नेताओं में इसका श्रेय लेने की होड़ लगी हुई है। सोशल मीडिया में जय हाटी, जय माटी के नारों की बाढ़ आ गई है।
क्या है पूरा मामला….जानें।
याचिकाकर्ता बॉबी देवी ने आरोप लगाया था कि अनुसूचित जनजाति में संशोधन के बाद भी अनुसूचित जनजाति प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जा रहा है, जबकि वह गिरिपार के हाटी समुदाय से सम्बंध रखती है। हाटी समुदाय को 4 अगस्त को जनजाति का दर्जा केंद्र सरकार ने दिया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने हिंदी प्रवक्ता के पदों को लेकर आवेदन आमंत्रित किए हैं। इनमें 5 पद अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से हाटी को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने के बावजूद भी प्रमाणपत्र जारी नहीं किये जा रहे हैं। इसी को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी, जिस पर न्यायालय ने आयोग को आदेश जारी किए हैं। बता दें कि हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा केंद्र सरकार ने दे दिया है लेकिन प्रदेश स्तर पर इसे लागू करने में अभी पेंच फसा हुआ है।
Himachal News : अनुसूचित जनजाति को लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला।
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