दैनिक जनवार्ता ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भारी बारिश से प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश सरकार का खजाना खोलते हुए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत मुआवजा राशि में 25 गुणा तक की बढ़ौतरी की गई है। आपदा से निपटने के लिए राज्य सरकार कुल मिलाकर 4500 करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जिसमें से 750 करोड़ रुपये विशेष राहत पैकेज तथा 1000 करोड़ रुपये मनरेगा के तहत व्यय किये जायेंगे। इस राहत पैकेज के तहत सरकार ने पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर के लिए मिलने वाले एक लाख 30 हजार रुपये के मुआवजे को साढ़े पांच गुणा बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने शनिवार को सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में बारिश से हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए ‘पुनरुत्थान और पुनर्वास’ योजना के नाम से विशेष पैकेज की घोषणा की। ये पैकेज सात जुलाई से 30 सितंबर तक की अवधि तक लागू रहेगा। विशेष पैकेज में आवास के ढांचागत नुकसान के साथ साथ मवेशियों, कृषि और बागवानी भूमि के नष्ट होने की स्थिति में भी राहत राशि जारी होगी। खास तौर पर पैकेज के तहत किसी भी तरह के राहत पैकेज के लिए सालाना आय सीमा लागू नहीं होगी। अपितु सरकार विभागों के बजट में कटौती कर व अपने संसाधनों से पैकेज देगी। केंद्र से आपदा राहत के लिए फिलहाल कोई मदद नहीं मिली है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ में को राशि मिली है वह पहले से ही तय थी।
*सरकारी मूल्य पर मिलेगा सीमेंट।*
घर निर्माण के दौरान बिजली और पानी की खर्चा सरकार उठाएगी। प्रदेश में 16 हजार से ज्यादा घर आपदा से पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। लिहाज़ा घर बनाने के लिए सीमेंट सरकारी मूल्य (280 रुपये प्रति बैग) मिलेगा।
हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों के लिए सरकार ने की विशेष राहत पैकेज की घोषणा।
